हनुमान के 108 नाम – हनुमान अष्टोत्तर शतनामावली
हनुमान जप
हनुमान हनुमान के नामों का जाप करने से भक्तों को उनके असाधारण धैर्य और दृढ़ संकल्प से जुड़ने का एक सशक्त माध्यम मिलता है, जिससे वे अपनी चुनौतियों का सामना करने और उन पर विजय पाने में सक्षम होते हैं।
उनकी उपस्थिति प्रोत्साहन का एक रचनात्मक स्रोत है, जो दृढ़ विश्वास, भक्ति और स्थायी सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता से उत्पन्न होने वाली शक्ति को बढ़ावा देती है।
ये नाम हनुमान अष्टोत्तर शतनामावली के विभिन्न गुणों – बुद्धि, वीरता, निष्ठा और करुणा – को उजागर करते हैं और भक्तों को अपने जीवन में इन गुणों को विकसित करने के लिए आमंत्रित करते हैं।
आध्यात्मिक महत्व: इन नामों का जाप करने से भक्तों को शांति, शक्ति और सुरक्षा का मार्ग मिलता है। यह अभ्यास अनुष्ठानों, प्रार्थनाओं और व्यक्तिगत ध्यान का अभिन्न अंग है।
गुण: ये नाम हनुमान के विविध गुणों का जश्न मनाते हैं, जो भक्तों को अपने दैनिक जीवन में इन गुणों को अपनाने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास करने की याद दिलाते हैं।
1. ॐ आंजनेयाय नमः
2. ॐ महावीराय नमः
3. ॐ हनुमते नमः
4. ॐ मारुतात्मजाय नमः
5. ॐ तत्त्वज्ञान प्रदाय नमः
6. ॐ सीतादेवी मुद्रा-प्रदायकाय नमः
7. ॐ अशोकवनिकाचेत्रे नमः
8. ॐ सर्वमाया विभाम्जनाय नमः
9. ॐ सर्वबंधन विमोक्त्रे नमः
10. ॐ रक्षो विद्वंसकारकाय नमः
11. ॐ सर्वमंत्र स्वरूपिणे नमः
12. ॐ सर्वतंत्र स्वरूपिणे नमः
13. ॐ सर्व-यंत्रात्मिकाय नमः
14. ॐ कपीश्वराय नमः
15. ॐ महाकायाय नमः
16. ॐ सर्वरोग हराय नमः
17. ॐ प्रभवे नमः
18. ॐ बालसिद्धि कराय नमः
19. ॐ सर्व-विद्या संपत्ति-प्रदायकाय नमः
20. ॐ कपीसेना-नायकाय नमः
21. ॐ सर्वमंत्र स्वरूपिणे नमः
22. ॐ सर्वतंत्र स्वरूपिणे नमः
23. ॐ सर्व-यंत्रात्मिकाय नमः
24. ॐ कपीश्वराय नमः
25. ॐ महाकायाय नमः
26. ॐ सर्वरोग हराय नमः
27. ॐ प्रभवे नमः
28. ॐ बालसिद्धि कराय नमः
29. ॐ सर्व-विद्या संपत्ति-प्रदायकाय नमः
30. ॐ कपीसेना-नायकाय नमः
31. ॐ भविष्य-चतुर्णानाय नमः
32. ॐ कुमार ब्रह्मचरिणे नमः
33. ॐ रत्नकुंडल दीप्तिमते नमः
34. ॐ संचालद्वाला सन्नद्ध लम्बमान सिखोज्वालाय नमः
35. ॐ गंधर्व विद्या तत्त्वज्ञाय नमः
36. ॐ महाबला पराक्रमाय नमः
37. ॐ कारागृह विमोक्त्रे नमः
38. ॐ श्रुम्कलबंध मोचकाय नमः
39. ॐ सगरूतारकाय नमः
40. ॐ प्रज्ञाय नमः
41. ॐ रामदूताय नमः
42. ॐ प्रतापवते नमः
43. ॐ वानराय नमः
44. ॐ केसरी सुताय नमः
45. ॐ सीतासोखा निवृत्तकाय नमः
46. ॐ अञ्जनागर्भ संभूताय नमः
47. ॐ बालार्क सदृशाननाय नमः
48. ॐ विभीषण प्रियकराय नमः
49. ॐ दशग्रीव कुलान्तकाय नमः
50. ॐ लक्ष्मण-प्राणदाता नमः
51. ॐ वज्रकायाय नमः
52. ॐ महाध्युतये नमः
53. ॐ चिरंजीविने नमः
54. ॐ राम भक्ताय नमः
55. ॐ दैत्यकार्य विघातकाय नमः
56. ॐ अक्षहामात्रे नमः
57. ॐ कांचनाभाय नमः
58. ॐ पंचवक्त्राय नमः
59. ॐ महातपसे नमः
60. ॐ लंकिनी भंजनाय नमः
61. ॐ श्रीमतये नमः
62. ॐ सिंहिका प्राण भंजनाय नमः
63. ॐ गंधमादन-शैलस्थाय नमः
64. ॐ लंकापुरा विधाकाय नमः
65. ॐ सुग्रीव सचिवाय नमः
66. ॐ धीराय नमः
67. ॐ सूराय नमः
68. ॐ दैत्य-कुलान्थकाय नमः
69. ॐ सुरा_archिताय नमः
70. ॐ महातेजसे नमः
71. ॐ रामचूड़ामणी प्रदाय नमः
72. ॐ कामरूपिणे नमः
73. ॐ पिंगलाक्षये नमः
74. ॐ वर्धिमैना का पूजिताय नमः
75. ॐ कबालीकृत मार्तंड मंडलाय नमः
76. ॐ विजितेन्द्रियाय नमः
77. ॐ राम-सुग्रीव संधात्रे नमः
78. ॐ महिरावण मर्दनाय नमः
79. ॐ स्पतिकभाय नमः
80. ॐ वाग्देहसे नमः
81. ॐ नवव्याकृति पंडिताय नमः
82. ॐ चतुरभहवे नमः
83. ॐ दीनबन्धवे नमः
84. ॐ महात्मने नमः
85. ॐ भक्तवत्सलाय नमः
86. ॐ संजीवना-नागहार्त्रे नमः
87. ॐ सुचये नमः
88. ॐ वाग्मिने नमः
89. ॐ दृढव्रताय नमः
90. ॐ कालनेमि प्रमाधनाय नमः
91. ॐ हरिमर्कता-मार्कताय नमः
92. ॐ धाम्ताय नमः
93. ॐ शान्ताय नमः
94. ॐ प्रसन्नात्मने नमः
95. ॐ सथकंठ मडापहृत्ये नमः
96. ॐ योगिने नमः
97. ॐ रामकथालोलाय नमः
98. ॐ सीतान्वेषण पंडिताय नमः
99. ॐ वज्रधाम्ष्ट्राय नमः
100. ॐ वज्रनखाय नमः
101. ॐ रुद्रवीर्य समुद्धवाय नमः
102. ॐ इन्द्रजीत्प्रहित-अमोघ-ब्रह्मास्त्र विनिवारकाय नमः
103. ॐ पार्थद्वजाग्र-सम्वासिने नमः
104. ॐ शरपञ्जर भेदकाय नमः
105. ॐ दास-बाहवे नमः
106. ॐ लोक पूज्याय नमः
107. ॐ जाम्बवथ्प्रीति वर्धनाय नमः
108. ॐ सीता समेथा श्री राम पद सेवा-धुरन्धराय नमः
सांस्कृतिक महत्व: यह पाठ हनुमान जयंती (हनुमान के जन्म का उत्सव) और उन्हें समर्पित अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक समारोहों के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
भक्ति अभ्यास: कई भक्त हनुमान अष्टोत्तर शतनामावली का पाठ करते हैं, आशीर्वाद मांगते हैं जो उनके सामने आने वाली चुनौतियों और कठिनाइयों से निपटने के उनके संकल्प को मजबूत करता है।